वंदना गीत- शीर्षक- माता सावित्रीबाई फुले


तुमको है शत-शत बार नमन,

माता सावित्रीबाई फुले

नारी हित लगा गईं जीवन, 

माता सावित्रीबाई फुले


भारत की नारी, कृषक को 

जब शिक्षा का हक न था

आधे से अधिक अबादी को 

जब कोई छूता तक न था

तब नारी हित का सपना ले 

करती थीं नारी शिक्षण

माता सावित्रीबाई फुले

तुमको है शत् शत् बार नमन...


जब नारी नर की दासी थी 

जब चारों ओर उदासी थी

जब नारी कोई जीव नहीं

बस वस्तु समझी जाती थी

तब रूढीवाद को खंडित कर

तोड़ गईं जग के बंधन

माता सावित्रीबाई बाई फुले 

तुमको है शत् शत् बार नमन...


जब पति के मर जाने पर 

नारी को जलाया जाता था

विधवा का विवाह नहीं करना 

जब धर्म बताया जाता था

पर्दा, विधवा, सती प्रथा 

सबका करती रहीं खंडन 

माता सावित्रीबाई फुले

तुमको है शत् शत् बार नमन...


तुम नारी की पहली शिक्षक 

तुम्हीं राष्ट्र की माता हो

तुम कृषक शिक्षा दाता हो 

तुम नारी शिक्षा दाता हो

हम भूल सकेंगे कभी नहीं 

तेरी यह स्मृति पावन 

माता सावित्रीबाई फुले

तुमको है शत् शत् बार नमन...


~संतोष शाक्य, कवि & लेखक

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