हां मैं पाकिस्तान से आए धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ हूं- संतोष शाक्य

मैं पाकिस्तान से आए धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ हूं,
हां मैं एन आर सी के खिलाफ हैं.
हां मैं गिरगिट की तरह रंग बदलते धर्म और धर्म गुरुओं के खिलाफ हूँ,
हाँ मैं मजहबी दलदल में फंसे लोगों के साथ हूं.
हां मैं हर हिंदू के खिलाफ हैं
हां मैं हर हिंदू के अंदर बैठे इंसान के साथ हूं
हां मैं हर मुसलमान के खिलाफ हूँ
हां मैं हर मुसलमान के भीतर बैठे इंसान के साथ हूं
हां मैं हर पूजा, हर नवाज, हर इबादत और  हर जुलूस के खिलाफ हूं
इसका मतलब यह मत समझना कि मैं ख़ुलूस के खिलाफ हूं.
हां मैं टोपी, दाढ़ी, चोटी, बुर्का, पर्दा चलाने वाले हर जहन के खिलाफ हूं
इसका मतलब यह मत समझना कि मैं अपने वतन के खिलाफ हूं
मै शरीयत के खिलाफ हूं, मैं मनुस्मृति के खिलाफ हूं
संविधान के सिवा हर पर्सनल लॉ के खिलाफ हूं
दादागिरी करते हर संघ के खिलाफ हूं
भगवा, लाल और हरे रंग के खिलाफ हूं
ब्राह्मणवाद, मनुवाद , इस्लामवाद के खिलाफ हूं
गीता के, कुरान के, बाइबल के खिलाफ हूं
लोगों को लड़ाने वाली हर सोच के खिलाफ हूं
मजहब की हर एक एप्रोच के खिलाफ हूं
सवर्ण के खिलाफ हूं  शेख के खिलाफ हूं
धर्म के हर एक अतिरेक के खिलाफ हूं
-संतोष शाक्य

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