जंग के मैदान बन गए हैं नगर- संतोष शाक्य

जंग के मैदान बन गए हैं नगर,
अब जंग मैदानों में नहीं होती|
नशा सुरूर
अब  सत्ता की गलियों में चलता है,
नशे की आजमाईश
अब मयखानों में नहीं होती |
-संतोष शाक्य

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