अपने इतिहास को पढ़कर देखो- संतोष शाक्य

कितना स्वर्णिम है मुड़कर देखो
अपने इतिहास से जुड़कर कर देखो

कितने झूठ मान रखे हैं तुमने
अपने इतिहास को पढ़कर देखो

कहता है  बुद्ध महावीर की गाथा
अपनी माटी का हर एक कण देखो
-संतोष शाक्य

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