जब से सीखा हिंदू मुसलमां होना- संतोष शाक्य

जब से सीखा हिंदू मुसलमां होना
भूल गए सब लोग इंसां होना

फासले बढ़ा दिए हैं किताबों ने
बहुत मुश्किल है अब भरोसा होना
- संतोष शाक्य

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