हमको फिर से मुकम्मल हिंद चाहिये- संतोष शाक्य


शांत अफगान और सिंध चाहिए 

हमको फिर से मुकम्मल हिन्द चाहिए 


शांत बंगला, बलूच, पख्तून, पंजाब चाहिए 

हमको फिर से सिन्धु का दोआब चाहिए 


शांत सरल, धम्म की पहचान चाहिए 

हमको फिर से अपना बामियान चाहिए 


शांत हर एक बलूची घर चाहिए 

हमको फिर से अपना पेशावर चाहिए 


बुद्ध ध्यान में मगन पठान चाहिए 

असंग का फैलना फिर ज्ञान चाहिए


टूटनी शुंग, मनु की चाल चाहिए 

ऊंच-नीच इसी वक्त बेहाल चाहिए


मंदिर-मस्जिदों के बंद द्वार चाहिये

नालंदा, तक्षशिला से महाविहार चाहिये


फैलने फिर बुद्ध के धम्मसुत्त चाहिए

फिर कोई अशोक सा शांतिदूत चाहिए


©संतोष शाक्य, लेखक

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