अभिजात्य सामान्य वर्ग का व्यक्ति आरक्षण का सरलीकरण गरीब, अमीर में करना चाहता है जबकि वर्ण, वर्ण आधारित जाति भेदभाव नहीं छोड़ना चाहता. वर्णवाद उसकी कोशिकाओं में दौड़ता है. वर्ण आधारित भेदभाव की नींव रखने वाले ग्रंथो में कोई सुधार/बदलाब नहीं करना चाहता बल्कि उससे उलट वर्ण पर आधारित राष्ट्र बनाना चाहता है.
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