सम्राट_अशोक_महान "मानव जाति के खूनी इतिहास में सबसे चमकदार अंतराल"... इतिहास में लाखों सम्राटों की भीड़ , जो their majesties and serenities and royal highnesses , की उपाधियों से सुसज्जित हैं, सब कुछ दिनों के लिए चमके फिर गायब हो गये. लेकिन आज भी उन सबके बीच अशोक का नाम एक तारे की तरह चमक रहा है, अकेले तारे की तरह |”
यह कथन प्रसिद्ध लेखक व #इतिहासकार #एच_जी_वेल्स ने अपनी पुस्तक "अ शॉर्ट हिस्टरी ऑफ वर्ल्ड.” में अशोक के बारे में लिखा है. एच. जी. वेल्स ने विश्वप्रसिद्ध ” वॉर ऑफ द वर्ल्ड्स, टाइम मशीन, इनविज़िबल मैन” जैसे अन्य उपन्यास भी लिखे हैं.
खैर बात यहाँ अशोक की हो रही है. आखिर क्या ऐसा था #अशोक में जो उसे सर्वश्रेष्ठ शासक की उपाधि दिलाता है?
राजकुमार अशोक #सम्राट_चन्द्रगुप्त_मौर्य का पौत्र और #सम्राट_बिन्दुसार का पुत्र था. अशोक के कई सौतेले भाई थे, जो अशोक की चतुराई कौशलता देखकर उससे इर्ष्या रखते थे. सम्राट बिन्दुसार की मृत्यु के पश्चात अशोक के सौतेले भाई सुशीम को बिन्दुसार की इच्छा के अनुसार गद्दी मिलनी थी, परन्तु ज्यादातर मंत्री अशोक को राजा देखना चाहते थे.
राजकुमार अशोक #सम्राट_चन्द्रगुप्त_मौर्य का पौत्र और #सम्राट_बिन्दुसार का पुत्र था. अशोक के कई सौतेले भाई थे, जो अशोक की चतुराई कौशलता देखकर उससे इर्ष्या रखते थे. सम्राट बिन्दुसार की मृत्यु के पश्चात अशोक के सौतेले भाई सुशीम को बिन्दुसार की इच्छा के अनुसार गद्दी मिलनी थी, परन्तु ज्यादातर मंत्री अशोक को राजा देखना चाहते थे.
कुछ इतिहासकारों ने अपने मनमर्जी इन्हे चंड अशोक की भी उपाधि दे डाली, क्योकि मिथक इतिहासकार के अनुसार अशोक के सौ भाई थे जिन्हें इन्होने मार डाला था जबकि वास्तविकता है की 100 भाई किसी आदमी के कैसे हो सकते है.
राजा बनने के आठ साल के भीतर उसने अपना साम्राज्य आज के #बर्मा से #इरान तक और #कश्मीर से #तमिलनाडु तक स्थापित किया.
#कलिंगा (आज का उड़ीसा) जो उस समय एक स्वतंत्र लोकतान्त्रिक राज्य था. अशोक ने कलिंगा पर हमला किया. भयंकर युद्ध हुआ, १००००० सैनिक और नागरिक मारे गए. १५०००० से ज्यादा बंदी बनाए गए.
अपनी विजय देखने के लिए वह युद्ध के मैदान में घूमने निकला. वहां पर पड़े शवों और उन पर विलाप करते उनके सगे संबधियों को देख कर उसके मन में करुणा जागी और वह कहने लगा ” यह मैंने क्या किया? यदि यह विजय है तो पराजय क्या है? यह न्याय है या अन्याय? यह वीरता है या बर्बादी? क्या मासूम बच्चों और स्त्रियों की हत्या वीरता है? क्या यह मैंने अपने साम्राज्य के विस्तार और समृद्धि के लिए किया या दूसरे के राज्य के विनाश के लिए? किसी ने अपना पुत्र खोया,किसी ने अपना पिता, किसी ने माँ किसी ने अपना अजन्मा बच्चा, किसी ने पति किसी ने पत्नी. यह शवों का ढेर क्या है? क्या यह मेरी विजय का सूचक हैं या मेरी कायरता के? यह कव्वे, गिद्ध शैतान के दूत हैं या मृत्यु के?”
इसके बाद महान शासक अशोक ने अपने पिता, दादा से मिले #आजीवक_धर्म को त्यागकर #बौद्ध_धर्म स्वीकार किया और जो नदी रक्त से लाल हो गयी थी, जिसके किनारे पर अशोक को ग्लानि हुई आज उस नदी को “दया नदी” कहा जाता है.
अशोक ने इसके बाद घोषणा की” अब युद्ध ढोल की ध्वनि के बजाय धम्म(धर्म) का नाद बजेगा.
आइये महान शासक अशोक के कल्याणकारी कार्यों पर एक दृष्टि डालते हैं( बौद्ध धर्म स्वीकारने के बाद): यह सारी बातें इतिहासकारों को अशोक द्वारा निर्मित उस वक़्त के शिलालेखों पर मिली हैं. जो उसके घोषणा पत्र की तरह थी.
आइये महान शासक अशोक के कल्याणकारी कार्यों पर एक दृष्टि डालते हैं( बौद्ध धर्म स्वीकारने के बाद): यह सारी बातें इतिहासकारों को अशोक द्वारा निर्मित उस वक़्त के शिलालेखों पर मिली हैं. जो उसके घोषणा पत्र की तरह थी.
१) आज जिसे हम मुफ्त चिकित्सा कहते हैं, अशोक ने उस युग में वो किया था. अपने पूरे राज्य में उसने मुफ्त हॉस्पिटल और दवाखानों का निर्माण करवाया, इच्छा अनुसार कोई भी उसमें दान दे सकता था.
२) महान शासक अशोक ने अपने राज्य में पशु वध पर पूर्ण पाबंदी लगा दी, और पशुओं के लिए भी हॉस्पिटल खुलवाए.
३) हर 8 किलोमीटर पर उसने तालाब खुदवाए व आश्रय स्थल बनवाए, बरगद और आम के पेड़ हर रास्ते पर लगवाए .
४) अपनी रसोई में उसने #मांसाहार पर प्रतिबन्ध लगवा दिया.
५) शिकार प्रथा बंद करवा दी.
६) अशोक ने सभी बौद्ध तीर्थों की यात्रा की, #लुम्बिनी, गया, #कपिलवस्तु, एवं #सारनाथ जहां उसने अशोक स्तम्भ बनवाया जो आज भारत का प्रतिक चिन्ह है.
७) जो सभी लोगों के कल्याण को बढ़ावा दे वास्तव में वही मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है.
८) कैदियों से नम्रता से व्यवहार किया जाना चाहिए.
9) सभी लोगों को माता – पिता, याजकों और भिक्षुओं का सम्मान करना चाहिए.
10) भिक्षुओं और जरूरतमंद से उपहार प्राप्त करने के बजाय देना श्रेष्ठ हैं.
11)धर्म के द्वारा #विजय बल से प्राप्त विजय से बेहतर है, लेकिन अगर बल से विजय किया जाता है, यह धैर्य और हलकी सजा द्वारा होनी चाहिए.
12)अपने प्रजा के लोगों के कल्याण के बारे में मुझे सूचित किया जाना चाहिए. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की ”वह कहाँ है या क्या कर रहा है”.
13) सबसे बड़ी बात विश्व में पहली बार राज्य धर्म निरपेक्षता का आधार अशोक ने रखा ( जिसे पश्चिम जगत अपनी देन मानता है)जो उसके बारहवें #शिलालेख पर इस प्रकार अंकित है
” जो भी खुद के संप्रदाय को महान और दुसरे के संप्रदाय को धर्मांध होकर या अज्ञानता वश तुच्छ बताता है, वह अपने ही सम्प्रदाय का शत्रु है. एकता में ही बल है, एक दुसरे के मतों को सुनना और उनका आदर करना ही सही है.”
इन सब बातों से प्रेरित होकर अनेक पर्यावरण वादी जैसे #सुन्दरलाल_बहुगुणा ने अक्सर अशोक का उदहारण दिया है पर्यावरण की रक्षा हेतु.
#वंदना_शिवा, जिन्होनें प्राचीन भारतीय जड़ी बूटियों का पश्चिम जगत द्वारा पेटेंट के विरुद्ध लडाइयां लड़ी हैं, उन्होंने अशोक के इसी सिद्धांत” सभी जड़ी बूटियाँ एवं चिकित्सीय पौधों का उपयोग समस्त मानव जाती के लिए मुफ्त में होना चाहिए” को आधार बनाया.
जब लाखों दलितों ने बौध धर्म दलित नेता अंबेडकर के नेतृत्व में स्वीकार किया, तो.... ज्यादातर लोगों ने अपना नाम अशोक रखा.
आज यदि आधे विश्व में बौद्ध धर्म फैला है तो इसमें सबसे बड़ा योगदान अशोक का है.
#भारत के झंडे,राज चिन्ह हर जगह अशोक के ही चिन्ह हैं.
अशोक स्तम्भ , जो भारत का राज चिन्ह है, चार पशुओं का चिन्ह भगवान बुद्ध के जीवन के विभिन्न चरणों का प्रतीक माना जाता है.
१) #हाथी: एक सफेद हाथी उसके गर्भ में प्रवेश की रानी माया का सपना के संदर्भ में बुद्ध के विचार का प्रतिनिधित्व करता है.
२) #सांड: एक राजकुमार के रूप में बुद्ध के जीवन के दौरान इच्छा का प्रतिनिधित्व करता है.
३) #घोडा: महलनुमा जीवन से बुद्ध के प्रस्थान का प्रतिनिधित्व करता है.
४) #शेर : बुद्ध की उपलब्धि का प्रतिनिधित्व करता है.
ऐसे महान सम्राट को हम सबको पढना और समझना चाहिये..........
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