बंदूक उठानी पड़ती है......

रास्ता भटके लोगों को, राह दिखानी पड़ती है,
अत्याचार मिटाने को, बंदूक उठानी पड़ती है.
सही समय पर शत्रु पर, जो प्रहार नहीं करते,
इतिहासों में पढ़ लो उनको, मुंह की खानी पड़ती है.
- संतोष शाक्य,  
कवि, लेखक व प्रेरक वक्ता

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